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हरियाणा: महरिषि दयानंद विश्वविद्यालय में महिला सफाई कर्मचारी के साथ हुए अमानवीय व्यवहार के दोषियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए

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हरियाणा  Published by: Manisha , Date: 10/11/2025 04:43:42 pm Share:
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  • 10/11/2025 04:43:42 pm
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संक्षेप

हरियाणा: यह मांग कामकाजी महिला समन्वय समिति (सीटू) झज्जर द्वारा प्रतिरोध करते हुए मुख्यमंत्री के नाम मांग पत्र में की गई। इस अवसर पर संगठन नेताओं संदीप कुमार मारौत, किरण, प्रवेश,  

विस्तार

हरियाणा: यह मांग कामकाजी महिला समन्वय समिति (सीटू) झज्जर द्वारा प्रतिरोध करते हुए मुख्यमंत्री के नाम मांग पत्र में की गई। इस अवसर पर संगठन नेताओं संदीप कुमार मारौत, किरण, प्रवेश,  चौकीदार सभा के जिला प्रधान राजेंद्र, सर्व कर्मचारी संघ के जिला प्रधान रामबीर, शिवम स्क्रैच वर्कर से तन्नु,किरण, रिटायर्ड कर्मचारी संघ से रमेश जाखड़, आशा वर्कर यूनियन से कविता व सुदेश ने कहा कि मर्हिष दयानंद विष्वविद्यालय रोहतक में 25 से 27 अक्टूबर 2025 तक माननीय राज्यपाल हरियाणा का दौरा था। इसके लिए कैंपस में 26 अक्टूबर को सफाई कर रही महिला कर्मचारियों को काम में तेजी लाने के लिए कहा गया। इस पर कुछ महिलाओं ने मासिक धर्म आने का हवाला देकर कुछ रियायत देने की अपील की। लेकिन सुपरवाइजर ने इस पर नाराज होकर अपने संबंधित अधिकारी को शिकायत की व उसके बाद महिलाओं की जांच के निर्देश दिए। 

इस पर जाचं करते हुए एक महिला कर्मचारी ने उनके अन्तः वस्त्र जांच की व उनके सेनेटरी पैड की फोटो तक ली गई। यह बेहद अमानवीय एवं षर्मनाक घटना है। भारी दबाव के बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की व  एससी/एसटी एक्ट की धाराएं जोड़ दी। लेकिन दोषियों की गिरफ्तारी अभी तक नहीं की गई है। इसे लेकर महिलाओं व कर्मचारियों में भारी गुस्सा है। यह घटना कच्चे/अस्थाई कर्मचारियों व महिलाओं के साथ अधिकारियों, ठेकेदारों व उनके कारिंदों द्वारा किए जा रहे आर्थिक, शारीरिक, मानसिक भेदभाव को भी उजागर करता है। 

कामकाजी महिला समन्वय समिति (सीटू) इस प्रकार की घटनाओं व महिलाओं के खिलाफ बढ़ रही हिंसा और यौन हिंसा के प्रति गहरा रोष प्रकट करती है सरकार से मांग की है किः 
1.    मर्हिष दयानंद विष्वविद्यालय रोहतक में महिला सफाई कर्मचारी के साथ किए गए अमानवीय व्यवहार के दोषियों को तुरंत गिरफतार करो।
2.    सभी कार्यस्थलों पर यौन हिंसा व उत्पीड़न रोकथाम (च्व्ैभ्) कानून का क्रियान्वयन सुनिष्चित हो व कमेटी गठित हों।  
3.    महिलाओं के खिलाफ हिंसा की रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं। तुंरत प्रभाव से न्यायमूर्ति वर्मा कमीषन की सिफारिषों को अक्षरषः लागू किया जाए।
4.    अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण देना बंद हो तथा महिलाओं व बच्चियों की सुरक्षा का प्रबंध करो।


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