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मध्य प्रदेश: राष्ट्रहित, न्याय व पारदर्शिता की ओर एक जनजागरण

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मध्य प्रदेश  Published by: Kamal Patni , Date: 06/11/2025 11:57:23 am Share:
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  • 06/11/2025 11:57:23 am
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संक्षेप

मध्य प्रदेश: एक भारत एक प्रणाली की आवश्यकता अब समय आ गया है कि भारत में “One Nation, One System” की भावना को साकार किया जाए  एक राष्ट्र, एक चुनाव इससे समय, धन और

विस्तार

मध्य प्रदेश: एक भारत एक प्रणाली की आवश्यकता अब समय आ गया है कि भारत में “One Nation, One System” की भावना को साकार किया जाए  एक राष्ट्र, एक चुनाव इससे समय, धन और संसाधनों की बचत होगी। एक कर व्यवस्था (One Tax) पारदर्शिता और सरलता आएगी। एक शिक्षा नीति (One Education System)  गरीब और अमीर में शिक्षा का भेद समाप्त होगा। एक समान कानून और न्यायिक सुधार (One Rule & Judicial Reform)  ताकि हर नागरिक को समयबद्ध न्याय मिल सके  न्याय प्रणाली में सुधार न्याय में विलंब अपने आप में अन्याय है।
अतः आवश्यक है कि सभी न्यायालयों (सिविल कोर्ट, हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट) में न्याय तीन माह में, अधिकतम नौ माह में मिले। न्यायपालिका पूर्णतः स्वायत्त और स्वतंत्र संस्था के रूप में कार्य करे। प्रत्येक निर्णय का लाभ सरकार और जनता दोनों को समान रूप से पहुँचे।

मतदाता सुधार और डिजिटल भारत वोटर आईडी को आधार और मोबाइल नंबर से जोड़ा जाए। देश के किसी भी कोने से नागरिक डिजिटल वोटिंग कर सके। यह भ्रष्टाचार, धनबल और बाहुबल पर रोक लगाएगा तथा लोकतंत्र को सशक्त करेगा  निजीकरण – राष्ट्र की प्रगति का आधार निजीकरण केवल नीति नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुधार का मार्ग है। यह रोज़गार सृजन करता है, प्रतिस्पर्धा और दक्षता लाता है, रिश्वतखोरी, कामचोरी और मनमानी पर अंकुश लगाता है। राज्य सरकारों के अधिकांश विभागों और कार्यालयों को निजीकरण अथवा सार्वजनिक–निजी साझेदारी (PPP) में लाया जाए, ताकि जनता को पारदर्शी, समयबद्ध और ईमानदार सेवा मिले।
भ्रष्टाचार उन्मूलन – राष्ट्र का धर्म देश का सबसे बड़ा शत्रु भ्रष्टाचार और घूसखोरी है।
इसे रोकने हेतु निम्न कठोर कदम आवश्यक हैं — . ₹100 से ऊपर के सभी बड़े नोट बंद किए जाएँ। ₹5,000 से ऊपर का कैश लेनदेन पूर्णतः बंद हो . ₹50,000 से ऊपर के प्रत्येक लेनदेन में आधार अनिवार्य हो। रिश्वतखोरी में पकड़े गए व्यक्तियों पर —नार्को, पॉलीग्राफ, ब्रेनमैपिंग टेस्ट अनिवार्य हों। 00% संपत्ति जब्त, नागरिकता समाप्त, और एक वर्ष के भीतर कठोर दंड या फांसी तक का प्रावधान हो। किसानों के प्रति कर्तव्य कृषि भारत की आत्मा है। सरकार को किसानों की आत्महत्या रोकने हेतु ऐसी नीतियाँ बनानी चाहि जो उन्हें आर्थिक सुरक्षा, मानसिक सम्मान और सामाजिक स्थिरता प्रदान करें।  जनता की पीड़ा और प्रश्न आज जनता की स्थिति यह है कि —

बिना रिश्वत, सिफारिश या ऊँची पहुँच के कोई कार्य सरकारी दफ्तरों में नहीं होता। सरकारी संस्थान भ्रष्टाचार की दलदल में इस हद तक डूब चुके हैं कि स्थिति वेश्यालय से भी बदतर कही जा सकती है। यदि न्यायालय की ADJ एवं CJM महोदया को ढाई दशक से न्याय नहीं मिल पाया, तो आम नागरिक क्या उम्मीद करे  समापन संदेश
अब आवश्यकता है एक जनजागरण की लहर की  जहाँ नागरिक, समाज और प्रशासन मिलकर भ्रष्टाचार-मुक्त, न्यायपूर्ण और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करें।


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