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उत्तर प्रदेश: जिंदा लोगों को मृत दिखाकर करोड़ों की पेंशन ठगी का गिरोह पकड़ा
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संक्षेप
उत्तर प्रदेश: सरकारी पेंशन योजना के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले गिरोह का आंवला पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। यह गैंग जिंदा लोगों को कागज़ों में मृत दिखाकर उनके नाम पर फर्जी विधवा और
विस्तार
उत्तर प्रदेश: सरकारी पेंशन योजना के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले गिरोह का आंवला पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। यह गैंग जिंदा लोगों को कागज़ों में मृत दिखाकर उनके नाम पर फर्जी विधवा और वृद्धावस्था पेंशन पास कराता था। अब तक 1.23 करोड़ रुपये की रकम हड़पी जा चुकी है। पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस लाइन सभागार में एसपी साउथ अंशिका वर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे मामले का खुलासा किया। गिरोह का खेल मौत के कागज़ों” से करोड़ों की ठगी
पुलिस जांच में सामने आया कि यह गिरोह पिछले चार साल से सक्रिय था। गैंग के सदस्य पहले गरीब और अशिक्षित लोगों को सरकारी पेंशन दिलाने का लालच देकर उनका आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज जुटा लेते थे। इसके बाद जनसेवा केंद्र पर फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार करवाए जाते थे। किसी को कागज़ों में मृत दिखाकर, उसके नाम से पेंशन पास कराई जाती थी। बाद में वह रकम आरोपियों के और उनके परिचितों के बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी जाती थी।
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि अब तक 56 लोगों के नाम पर विधवा पेंशन और दो के नाम पर वृद्धावस्था पेंशन के फर्जी लाभार्थी बनाकर रकम हड़प ली गई।
गिरफ्तार आरोपी और उनकी भूमिका पुलिस ने जिन चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, उनमें हरीश कुमार (बसंत विहार कॉलोनी निवासी) जनसेवा केंद्र और एसबीआई मित्र चलाता था, दस्तावेजों की जालसाजी का काम यहीं से होता था।
शांति स्वरूप (शास्त्री गली निवासी मुनीष (बिलौरी निवासी) प्रमोद (सेंधा, भमोरा निवासी) – ये तीनों गांव–गांव जाकर गरीब और अनपढ़ लोगों को झांसे में लेकर उनके दस्तावेज जुटाते थे। इन्हें “पैसा डबल स्कीम” और “महामाया योजना” जैसी झूठी योजनाओं का लालच देकर फंसाया जाता था। पुलिस को मिली अहम बरामदगी
छापेमारी में पुलिस ने आरोपियों के पास से फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्रों की छह कॉपियां बरामद की हैं। इसके अलावा कई बैंक पासबुक, फर्जी मुहरें और दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं एसपी साउथ अंशिका वर्मा ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ विभिन्न गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है। कुछ पर पहले से भी मुकदमे दर्ज मिले हैं। उन्होंने कहा कि गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की तलाश जारी है और जल्द ही पूरे नेटवर्क का खुलासा किया जाएगा। इस कार्रवाई में राजेश बाबू मिश्रा, सचिन कुमार, अमरीश शर्मा, राजेश रावत और इंद्रपाल सिंह समेत आंवला पुलिस टीम के कई जवान शामिल रहे यह गिरोह प्रशासनिक सिस्टम की आड़ में गरीबों की आस्था से खेल रहा था। ऐसे तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
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