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वेस्ट बंगाल: न्याय की आवाज़ कानूनी और सामाजिक अन्याय के खिलाफ एक सक्रिय मंच

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जयंती कुमार.वेस्ट बंगाल   Published by: Jayanto Kumar Chakravarty , Date: 26/12/2025 05:45:51 pm Share:
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  • Date:
  • 26/12/2025 05:45:51 pm
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संक्षेप

वेस्ट बंगाल: श्री पदम शर्मा “न्याय की आवाज़ के  संस्थापक और मुख्य संयोजक हैं उनकी एक  साक्षात्कार |उन्होने “न्याय की आवाज़” के बारे में बताया  न्याय की आवाज़” क्या है  न्याय की आवाज़ क्या-क्या करती है? इसका उद्देश्य /

विस्तार

वेस्ट बंगाल: श्री पदम शर्मा “न्याय की आवाज़ के  संस्थापक और मुख्य संयोजक हैं उनकी एक  साक्षात्कार |उन्होने “न्याय की आवाज़” के बारे में बताया  न्याय की आवाज़” क्या है  न्याय की आवाज़ क्या-क्या करती है? इसका उद्देश्य / मिशन "न्याय की आवाज़" का मकसद क्या है? एक रिपोर्ट  पत्रकार  जयंतो चक्रवर्ती  एन सीआर न्यूज़  न्याय की आवाज़। यह एक संस्था / प्लेटफार्म * है, जो लोगों को कानूनी अधिकारों, उनके अधिकारों और अन्याय/गलत कामों के खिलाफ आवाज उठाने का माध्यम देती है। क्यों आवश्यक था ‘न्याय की आवाज़’ शुरुआत में यह खासतौर पर उन पुरुषों के लिए बनी थी, जिन्हें झूठे आरोपों या ऐसा कानूनी या सामाजिक उत्पीड़न झेलना पड़ा हो। लेकिन अब इसका दायरा बढ़ गया है — ये किसी को भी मदद करती है, चाहे वह कोई हो , यदि वह कानूनी, सामाजिक या अन्य किसी अन्याय का सामना कर रहा हो।

न्याय की आवाज़ क्या-क्या करती है न्याय की आवाज़ निम्न सेवाएँ  प्रदान करती है:
मुफ्त कानूनी सलाह और मार्गदर्शन व्यक्ति को वकील से एक-ऑन-एक कंसल्टेशन का अवसर मिलता है। झूठे आरोपों, दुराचार, अन्याय या सामाजिक/कानूनी उत्पीड़न से प्रभावित लोगों को कानूनी मदद मिलती है। सामाजिक समर्थन और जागरूकता फैलाना — ताकि लोग जानें कि उनके कानूनी अधिकार क्या हैं, और अन्याय के खिलाफ लड़ने का हक़। समुदाय-आधारित नेटवर्क और समर्थन — जरूरतमंदों को जोड़ना और उन्हें उचित कानूनी रास्ता दिखाना। इसका उद्देश्य / मिशन
न्याय की आवाज़ का मकसद है न्याय की आवाज़ को बुलंद करना, जब सिस्टम किसी को न सुन पाए या अन्याय हो जाए। सच और हक के लिए खड़े होना, ताकी मजबूर, पीड़ित और झूठे आरोपों से जूझ रहे लोगों को सपोर्ट मिले।


कानूनी जानकारी और मार्गदर्शन सरल रूप में उपलब्ध कराना — ताकि आम लोग भी जान सकें कि उनके अधिकार क्या हैं। अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाने, समाज में जागरूकता फैलाने और जरूरतमंदों का साथ देने का नेटवर्क बनाना। न्याय की आवाज़: एक ऐसे आंदोलन का उदय, जिसकी देश को बेहद आवश्यकता है इसी खालीपन को भरने के लिए “न्याय की आवाज़” ने आगे कदम बढ़ाए। न्याय की आवाज़ -एक मिशन, एक दृष्टि पदम शर्मा केवल एक सामाजिक नेता नहीं, बल्कि उन आवाज़ों का प्रतिनिधित्व करते हैं जिन्हें वर्षों से अनसुना किया गया। उन्होंने समझा कि न्याय सिर्फ अदालतों में होने वाली बहस नहीं है; न्याय वह है जो उस व्यक्ति को मिलता है जो व्यवस्था में खो चुका है। उनकी दृष्टि स्पष्ट है न्याय को विशेषाधिकार नहीं, अधिकार बनाया जाए। यही सोच “न्याय की आवाज़” को एक आंदोलन में बदल देती है। कोलकाता से राष्ट्र तक—एक आवाज़ का विस्तार संगठन का पंजीकृत कार्यालय कोलकाता में है, लेकिन इसकी पहुँच भौगोलिक सीमाओं से कहीं आगे बढ़ चुकी है।
आज यह संगठन न केवल प्रमुख शहरों में सक्रिय है, बल्कि ग्रामीण भारत में भी गहरी जड़ें जमा चुका है।

यह विस्तार केवल संख्या का नहीं, बल्कि विश्वास का ह एक विश्वास कि यदि कोई परेशानी है, तो कोई सुनने वाला भी है। समाज और व्यवस्था के बीच सेतु बनता संगठन भारत में अक्सर समस्याएँ इसलिए बढ़ जाती हैं क्योंकि आम जनता और प्रशासन के बीच संवाद कमजोर है। न्याय की आवाज़” ने यह सेतु बनने का कठिन लेकिन महत्वपूर्ण कार्य किया है। यह संगठन— सुनता है, समझता है और समाधान के लिए आवाज़ उठाता है और यह सब बिना किसी दिखावे, बिना किसी राजनीतिक उद्देश्य के। अगर न्याय व्यवस्था तक पहुँचना कठिन है, तो उसके रास्ते आसान बनाने होंगे
एक तथ्य यह भी है कि कानूनी लड़ाई महंगी होती जा रही है कई लोग केवल इसलिए न्याय से दूर रह जाते हैं क्योंकि उनके पास संसाधन नहीं हैं। न्याय की आवाज़” ऐसे लोगों के लिए आशा का केंद्र बन गया है। संगठन का प्रयास है कि कोई भी व्यक्ति सिर्फ पैसों या प्रक्रिया के अभाव में न्याय से वंचित न रहे। सवाल यह नहीं कि आवाज़ कौन उठाता है—सवाल यह है कि कौन सुनता है

 “न्याय की आवाज़” ने अपनी निरंतर सक्रियता से यह साबित किया है कि अगर निष्ठा और प्रतिबद्धता हो तो एक आवाज़ लाखों लोगों के लिए उम्मीद बन सकती है।
यह संगठन यह भी याद दिलाता है कि लोकतंत्र में बदलाव सड़कों से लेकर अदालतों तक हर जगह होता है—और हर बदलाव एक आवाज़ से ही शुरू होता है। देश को ऐसी पहलों की आवश्यकता क्यों है? क्योंकि भारत बदल रहा है, और परिवर्तन के इस दौर में नागरिक अधिकारों की रक्षा होना पहले से अधिक महत्वपूर्ण है।
आज जरूरत है ऐसे प्रयासों की जोव्यवस्था को जवाबदेह बनाएं, लोगों को जागरूक करें और न्याय को सरल बनाएँ न्याय की आवाज़” उस आवश्यकता का सशक्त जवाब है। एक आवाज़, जो आने वाले वर्षों में और बुलंद होगी संपादकीय के रूप में हमारा स्पष्ट मत है कि न्याय की आवाज़” केवल एक संगठन नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करने वाला एक जीवंत आंदोलन है।

संस्थापक पदम शर्मा की दृष्टि, संगठन की प्रतिबद्धता और जनता का विश्वास मिलकर इस पहल को एक नए सामाजिक अध्याय में बदल रहे हैं।
यदि यह गति और यह निष्ठा बनी रही, तो “न्याय की आवाज़” आने वाली पीढ़ियों के लिए न्याय-सुरक्षा का एक मजबूत स्तंभ बन सकता है। जुड़ने का तरीका  संस्थापक संस्थापक और मुख्य संयोजक श्री पदम शर्मा | न्याय की आवाज़” का वेबसाइट  से जुड़कर मदद ली जा सकती है। श्री पदम शर्मा “न्याय की आवाज़” के  संस्थापक और मुख्य संयोजक हैं उनकी एक  साक्षात्कार | उन्होने “न्याय की आवाज़” के बारे में बताया  न्याय की आवाज़” क्या है? न्याय की आवाज़ क्या-क्या करती है? इसका उद्देश्य / मिशन "न्याय की आवाज़" का मकसद क्या है? श्री पदम शर्मा “न्याय की आवाज़” के  संस्थापक और मुख्य संयोजक हैं उनकी एक  साक्षात्कार | उन्होने “न्याय की आवाज़” के बारे में बताया  न्याय की आवाज़” क्या है? न्याय की आवाज़ क्या-क्या करती है? इसका उद्देश्य / मिशन "न्याय की आवाज़" का मकसद क्या है?

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