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झारखण्ड: कर्मचारी चयन आयोग ने 2023 की पुलिस-कारा-आग्निशमन भर्ती परीक्षा रद्द की, अभ्यर्थियों में आक्रोश
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संक्षेप
झारखण्ड: कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) ने राज्य के हजारों अभ्यर्थियों को झटका देते हुए झारखंड आसन्न प्रतियोगिता परीक्षा-2023 को रद्द करने का ऐलान किया है। आयोग ने गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग, झारखंड रांची की संस्तुति पर यह कदम उठाया है।
विस्तार
झारखण्ड: कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) ने राज्य के हजारों अभ्यर्थियों को झटका देते हुए झारखंड आसन्न प्रतियोगिता परीक्षा-2023 को रद्द करने का ऐलान किया है। आयोग ने गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग, झारखंड रांची की संस्तुति पर यह कदम उठाया है। आयोग द्वारा जारी अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि पूर्व में प्रकाशित विज्ञापन संख्या-17/2023 को अब अमान्य माना जाएगा और नई नियुक्ति प्रक्रिया संयुक्त भर्ती नियमावली-2025 के तहत शुरू की जाएगी। इस फैसले से तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों में गहरा आक्रोश देखा जा रहा है। कई अभ्यर्थियों का कहना है कि वे पिछले दो वर्षों से कड़ी मेहनत कर रहे थे, कोचिंग, पढ़ाई और आर्थिक खर्च में काफी संसाधन झोंक चुके हैं। अचानक परीक्षा रद्द होने से उनका भविष्य अधर में लटक गया है। कई प्रतियोगी छात्रों ने सोशल मीडिया पर भी नाराजगी जताते हुए सरकार और आयोग से इस फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की है। उनका तर्क है कि नियमावली बदलने का खामियाजा मेहनती अभ्यर्थियों को क्यों भुगतना पड़े। आयोग ने अधिसूचना में कहा है कि जिन अभ्यर्थियों ने 2023 की परीक्षा के लिए आवेदन कर शुल्क जमा किया था, उन्हें नई भर्ती प्रक्रिया में दोबारा शुल्क नहीं देना होगा। आवेदन भरने के लिए उन्हें विकल्प उपलब्ध कराया जाएगा। वहीं, जिन उम्मीदवारों की अधिकतम आयु सीमा पूर्व विज्ञापन के अनुसार समाप्त हो चुकी है, उन्हें भविष्य की संयुक्त भर्ती परीक्षा में विशेष छूट दी जाएगी। आयु की गणना 01.08.2019 को आधार मानकर की जाएगी। अभ्यर्थियों का कहना है कि यह फैसला उनकी मेहनत और समय की अनदेखी है। कई छात्रों ने आरोप लगाया है कि आयोग की अनिश्चित कार्यशैली से बार-बार परीक्षाएं रद्द हो रही हैं, जिससे युवाओं का भरोसा टूट रहा है। बेरोजगारी की मार झेल रहे उम्मीदवारों का कहना है कि उन्हें न तो नौकरी मिल रही है और न ही स्थिर भर्ती प्रक्रिया। कई जगह छात्र संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द नई भर्ती प्रक्रिया की रूपरेखा घोषित नहीं की गई तो वे आंदोलन करेंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला राजनीतिक रूप से भी गर्मा सकता है। झारखंड जैसे राज्य में जहां युवाओं की बड़ी संख्या रोजगार की प्रतीक्षा कर रही है, वहां इस प्रकार की अधिसूचना से सरकार पर विपक्ष हमलावर हो सकता है। विपक्ष पहले से ही बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार को घेर रहा है, ऐसे में यह नया विवाद राजनीतिक विमर्श को और तीखा बना सकता है। फिलहाल आयोग ने साफ कर दिया है कि भविष्य की नियुक्तियां केवल संयुक्त भर्ती नियमावली-2025 के तहत ही होंगी। हालांकि, इस घोषणा से छात्रों की बेचैनी और बढ़ गई है, क्योंकि उन्हें अब यह स्पष्ट नहीं है कि नई परीक्षा कब और किस प्रारूप में होगी। अभ्यर्थियों की प्रमुख मांग है कि आयोग जल्द से जल्द नई तिथियों और विस्तृत दिशानिर्देशों की घोषणा करे, ताकि उनकी तैयारी व्यर्थ न जाए। आयोग का यह निर्णय कानूनी और प्रशासनिक दृष्टिकोण से जरूरी हो सकता है, लेकिन युवाओं की उम्मीदों पर गहरा प्रहार है। अभ्यर्थी इसे अन्याय मान रहे हैं और इस कारण झारखंड में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन की स्थिति भी बन सकती है।
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