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CM Arvind Kejriwal: अरविंद केजरीवाल ईडी की पूछताछ में नहीं हुए शामिल, अब क्या कदम उठाएगी ईडी
अरविंद केजरीवाल ईडी की पूछताछ में नहीं हुए शामिल - Photo by : Social Media
संक्षेप
नई दिल्ली: दिल्ली शराब नीति (जो अब खत्म हो चुकी है) मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पेश नहीं हुए। सीएम केजरीवाल ने ईडी को पत्र लिखकर अपने समन को "वापस लेने" की मांग की और इसे "अस्पष्ट, प्रेरित और कानून में अस्थिर" बताया। सीएम केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने सिंगरौली से पार्टी उम्मीदवार और आप की प्रदेश अध्यक्ष रानी अग्रवाल के लिए रोड शो में भाग लिया।
विस्तार
नई दिल्ली: दिल्ली शराब नीति (जो अब खत्म हो चुकी है) मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पेश नहीं हुए। सीएम केजरीवाल ने ईडी को पत्र लिखकर अपने समन को "वापस लेने" की मांग की और इसे "अस्पष्ट, प्रेरित और कानून में अस्थिर" बताया। सीएम केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने सिंगरौली से पार्टी उम्मीदवार और आप की प्रदेश अध्यक्ष रानी अग्रवाल के लिए रोड शो में भाग लिया। अग्रवाल बिजली उत्पादन के प्रमुख केंद्र सिंगरौली शहर के मेयर भी हैं। उन्होंने बीते वर्ष साल भाजपा और कांग्रेस के शासन वाले राज्य में आश्चर्यचकित करते हुए मेयर का चुनाव जीता था। 17 नवंबर को मध्य प्रदेश विधानसभा के लिए 230 सदस्यीय मतदान होगा। केंद्रीय एजेंसी ने केजरीवाल को दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में पूछताछ के लिए और धन शोधन निवारण अधिनियम पीएमएलए के अंतर्गत उनका बयान दर्ज करने के लिए बुलाया था। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में अभियोजन पक्ष के इस आश्वासन पर ध्यान दिया है कि मामले की सुनवाई आने वाले 6-8 माह के अंतर्गत समाप्त हो जाएगी। यह निर्णय उस समय आया जब शीर्ष अदालत दिल्ली शराब मामले और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से जुड़े एक मामले की सुनवाई कर रही थी। ईडी अब सीएम केजरीवाल के लिए नई तारीख पर समन जारी कर सकता है। खास तौर पर, ईडी के समन को कोई व्यक्ति तीन बार तक नजरअंदाज कर सकता है। अगर केजरीवाल तीन बार की सजा पार कर जाते हैं तो ईडी दिल्ली सीएम के विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी करेगी। इसका अर्थ है कि सीएम केजरीवाल एक तय तारीख व समय पर अदालत में हाज़िर होने के लिए बाध्य होंगे।
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