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उत्तर प्रदेश: लाजपत नगर रामलीला में राम वनवास प्रसंग का भावपूर्ण मंचन

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उत्तर प्रदेश  Published by: Ajay Saxena , Date: 27/09/2025 01:53:26 pm Share:
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  • 27/09/2025 01:53:26 pm
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संक्षेप

उत्तर प्रदेश: आज दिनांक 26.9.25 को श्री राम कथा मंचन समिति लाजपत नगर मुरादाबाद के तत्वावधान में लाजपत नगर राम लीला मैदान के भव्य रंग मंच पर आज स्वामी नंदकिशोर शर्मा के कुशल

विस्तार

उत्तर प्रदेश: आज दिनांक 26.9.25 को श्री राम कथा मंचन समिति लाजपत नगर मुरादाबाद के तत्वावधान में लाजपत नगर राम लीला मैदान के भव्य रंग मंच पर आज स्वामी नंदकिशोर शर्मा के कुशल निर्देशन में श्री ब्रजधाम धाम  रामकृष्ण लीला संस्थान वृंदावन के कलाकारों द्वारा दशरथ कैकेई संवाद ,राम बनवास, चित्रकूट वास, राम केवट संवाद की नवीन प्रसंग के साथ आकर्षक दृश्यों एवं सुमधुर संगीत सहित मनमोहक मंचन  किया । अयोध्या नरेश राजा दशरथ अपने महल की अटारी पर बैठे हुए दर्पण निहार रहे हैं वह देखते हैं की मेरे सारे बाल सफेद हो गए और मैं बूढ़ा हो चुका हूं अब क्यों ना अपने बड़े पुत्र राम को राजगद्दी सौप कर वन में तपस्या और साधना में अपना अंतिम समय व्यतीत किया जाए और मोक्ष प्राप्त किया जाए । 

राजा दशहरा  का दरबार लगा है और सभी मंत्री उपस्थित हैं वह मंत्रियों से सलाह  कर राम को अयोध्या का राजा बनाने की घोषणा करते हैं घोषणा होते ही चारों अयोध्या नगरी में खुशियां ही खुशियां बनाई जाने लगती हैं लोग कल होंगे राजाराम राजाराम गाने लगते हैं और महलों में चारों और दीप जलाकर रोशनी की जाती है कल होंगे राजाराम कल होंगे राजाराम महारानी कैकई की दासी मंथरा को यह बात पता चलती है तो वह कैकेई के पास पहुंचकर  भड़का देती है वह कहती है की जरूर इसमें कोई चाल है जब तुम्हारे पुत्र भरत नंदसाल मैं है तो तो फिर राम को राजा बनाने की क्या जल्दी है वह कहती है की राजा दशरथ ने आपको दो वचन दिए हैं उन दोनों वचनों में आप  भारत को राजगद्दी और राम को 14 वर्ष का वनवास की मांग राजा दशरथ से करें ।


महारानी कैकई ऐसा ही करती हैं राजा दशरथ अपने वचनों में बंधे होने के कारण मजबूर हो जाते हैं  यह बात जब राम को पता चलती है तो वह अपने पिता के पास जाकर वन जाने की आज्ञा मांगते हैं।  रघुकुल रीत सदा चली आई प्राण जाए पर वचन न जाए का पालन करते हुए अपनी पत्नी सीता और अपने अनुज लक्ष्मण के साथ वन के लिए प्रस्थान करते हैं । रामलीला की व्यवस्था में महेश चंद्र अग्रवाल विनोद बाबू सक्सेना श्याम कृष्ण रस्तोगी राजीव राघव मुकुल बंसल  शरद अग्रवाल  राजीव अग्रवाल अतुल अग्रवाल विवेक शर्मा रामकुमार गुप्ता शम्मी रस्तोगी आदि ने सक्रिय सहयोग किया ।

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