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उत्तर प्रदेश: जनपद न्यायाधीश व जिलाधिकारी ने जिला कारागार का संयुक्त निरीक्षण, सुधारात्मक व प्रशिक्षण व्यवस्थाओं की सराहना
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संक्षेप
उत्तर प्रदेश: जिला कारागार में निरुद्ध बंदियों के जीवन में सकारात्मक सुधार लाने तथा कारागार की समग्र व्यवस्थाओं को और अधिक प्रभावी एवं सुव्यवस्थित बनाने के उद्देश्य से माननीय जनपद न्यायाधीश कार्यालय कक्ष में मॉनिटरिंग सेल की बैठक करने के उपरांत माननीय जनपद न्यायाधीश गौतम बुद्ध नगर अतुल श्रीवास्तव एवं
विस्तार
उत्तर प्रदेश: जिला कारागार में निरुद्ध बंदियों के जीवन में सकारात्मक सुधार लाने तथा कारागार की समग्र व्यवस्थाओं को और अधिक प्रभावी एवं सुव्यवस्थित बनाने के उद्देश्य से माननीय जनपद न्यायाधीश कार्यालय कक्ष में मॉनिटरिंग सेल की बैठक करने के उपरांत माननीय जनपद न्यायाधीश गौतम बुद्ध नगर अतुल श्रीवास्तव एवं जिलाधिकारी गौतम बुद्ध नगर मेधा रूपम द्वारा जिला कारागार गौतम बुद्ध नगर का स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान दोनों वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कारागार परिसर के अंतर्गत कार्यालय भवन, स्वच्छता इकाई, प्रशिक्षण केंद्र, पुस्तकालय, सांस्कृतिक कक्ष, वर्मी कंपोस्ट निर्माण इकाई, औषधि वाटिका, मधुमक्खी पालन इकाई, पपीता, मशरूम, स्ट्रॉबेरी सहित अन्य सब्जियों की जैविक खेती से संबंधित कार्यक्रमों का गहन अवलोकन किया गया। इस अवसर पर जेल अधीक्षक द्वारा कारागार में संचालित विभिन्न सुधारात्मक, पुनर्वास एवं आत्मनिर्भरता से जुड़ी गतिविधियों की विस्तृत जानकारी से अवगत कराया गया। माननीय जनपद न्यायाधीश एवं जिलाधिकारी ने कारागार प्रशासन द्वारा संचालित सुधारात्मक गतिविधियों एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों की सराहना करते हुए बंदियों के सामाजिक पुनर्वास हेतु निरंतर एवं प्रभावी प्रयास करते रहने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि कारागार केवल दंड का स्थान नहीं, बल्कि जीवन को नई दिशा देने का सशक्त माध्यम होना चाहिए। इस अवसर पर अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम मयंक पाठक, अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय रवि सागर, एडिशनल कमिश्नर मुख्यालय अजय कुमार, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ नरेंद्र कुमार, जिला कारागार अधीक्षक बृजेश कुमार, जिला कारागार जेलर राजेश कुमार मौर्य, संजय
माननीय जनपद न्यायाधीश एवं जिलाधिकारी ने प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे बंदियों से व्यक्तिगत रूप से संवाद स्थापित कर उनके अनुभव, कौशल विकास एवं भविष्य की संभावनाओं के संबंध में जानकारी प्राप्त की। माननीय जनपद न्यायाधीश ने बंदियों को निरंतर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हुए उपयोगी एवं रोजगारपरक कौशल अर्जित करने पर विशेष बल दिया। माननीय जनपद न्यायाधीश एवं जिलाधिकारी द्वारा पुस्तकालय, आर्ट एवं डांस रूम, संगीत कक्ष, कंप्यूटर कक्ष तथा सैलून कक्ष का भी अवलोकन किया गया। बंदियों द्वारा प्रस्तुत की जा रही सिलाई, चित्रकला, गायन, नृत्य एवं अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों को देखकर अधिकारियों ने प्रसन्नता व्यक्त की और इन प्रयासों को बंदियों के मानसिक, रचनात्मक एवं सामाजिक विकास की दिशा में अत्यंत प्रभावी बताया। इसके अतिरिक्त कारागार की समग्र सुरक्षा व्यवस्था, सीसीटीवी निगरानी प्रणाली, आपातकालीन प्रबंधन व्यवस्था एवं कारागार कर्मियों की कार्यप्रणाली का भी गहन परीक्षण किया गया। संबंधित अधिकारियों ने कहा कि सतत निगरानी, तकनीकी उन्नयन एवं कार्मिकों की संवेदनशील कार्यशैली कारागार व्यवस्था को अधिक सुदृढ़ एवं मानवीय बना रही है।
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